ये कहानी है बाघ और यात्री की, जो बाघ से बहुत परेशान है, आओ जानते है वो कैसे निपटे है बाघ से, इस के लिए कहानी पढ़नी पड़ेगी सुरु से
एक दिन ग्रामीणों ने जाल बिछाकर एक बाघ को पकड़ लिया और उसे पिंजरे में बंद कर दिया। उन्होंने लोगों को उस दुष्ट बाघ को देखने के लिए सड़क के किनारे रख दिया, जिसने अब तक ग्रामीणों पर अचानक हमला करके कई मवेशियों और बच्चों को मार डाला था।
बाघ अब वास्तविक समस्या में था। उसे न तो खाना दिया और न ही पीने को। उसने प्रत्येक राहगीर से उसे रिहा करने का अनुरोध किया, यह वादा करते हुए कि वह अपने बचाने वाले को नहीं मारेगा। लेकिन इस क्रूर जानवर पर किसी ने विश्वास नहीं किया।
अंत में, एक दयालु यात्री बाघ की मदद करने के लिए तैयार हो गया, बाद में बाघ ने उसे नहीं मारने का वादा किया। लेकिन जैसे ही बाघ छोड़ा गया, वह उस आदमी को मारना चाहता था। आदमी ने जानवर को अपना वादा याद दिलाते हुए जीवन की याचना की। लेकिन जानवर उसकी प्रार्थना नहीं सुनना चाहता था। उसने कहा, “मैं भूखा हूँ, और तुम मेरे शिकार हो। मैं तुम्हें कैसे जाने दूँ?”
इसी बीच संयोग से एक लोमड़ी वहां आ गई। उसने दोनों पक्षों की सारी बातें सुनीं और कहा, “मुझे विश्वास नहीं होता कि इतना बड़ा बाघ उस छोटे से पिंजरे में आ सकता है।”
बाघ ने कहा, “मुझे दिखाने दो कि मैं कैसे पिंजरे में बंद था।” इतना कहकर वह पिंजरे में घुस गया। और चालाक लोमड़ी ने फौरन पिंजरे का दरवाजा बंद कर दिया और यात्री को लेकर चली गई।
Book Mark HindiLiaison For More Hindi Story For Kids